13.5.15

कविता

लेखक यानी वो जो अपने विचारों उद्गारों को लेखनी व शब्दों के माध्यम से कागज़ पे उतार दे. लेखन अक्सर एक प्रोफेशन या एक शौक, या कभी कभी दोनों हो सकता है. मगर कवि कोई भी हो सकता है. कविता तो एक चश्मा है ज़िंदगी को देखने का. दुनिया को चखने का एक तरीका. एक आदत. एक जीवनशैली. फिर कवि के पास कागज़ या समय हो न हो, उसने वोकेबुलरी की दौलत कमाई हो या नहीं, कविता को उस से कोई नहीं छीन सकता. वो खुद भी नहीं.

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